4 सितंबर 2021

“जनाजा”


न मेंहदी सजी
न डोली उठी
न फेरे ही कर पाए
पर देखो आज …
उठा जो जनाजा मेरा
खामोश पलकों में
तेरी ही तस्वीर
लबों में तेरा नाम
जाने क्यूँ
रह-रह कर आए...


© डॉ० भावना कुँअर
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डॉ०भावना कुँअर

संपादिका-ऑस्ट्रेलियांचल ई-पत्रिका