6 सितंबर 2011

'द सन्डे- इन्डियन 'ने कहा - सात समंदर पार, हिंदी की अलमबरदार...

'द सन्डे- इन्डियन ' वीकली में वर्ष २०११ की सर्वश्रेष्ठ महिला लेखिकाओं का चयन किया गया जिसमें लगभग ५०० प्रतिभागी थे और १११ को चुना गया उनमें सौभाग्य से मुझे भी स्थान मिला जो वास्तव में मेरे लिए बहुत खुशी की बात है और ये खुशी मैं अपने प्रिय मित्रों के बिना कैसे मना सकती हूँ तो लीजिए ये केक खाईये और अपना स्नेह मुझे दीजिए 
इसे आप इस लिंक पर देख सकते हैं...


http://thesundayindian.com/hi/story/indian-women-writers-in-abroad/7/7336/


















आज


बहुत दिनों बाद...


थककर


गहरी नींद


सोई है पीड़ा...


शायद !


अब कभी


न उठने के लिए...














Bhawna

1 सितंबर 2011

मेरा जिगरी दोस्त



















मेरे सबसे करीब
मेरा जिगरी दोस्त
अँधेरा...
अक्सर मेरे पास 
आता है
और
छिपकर बैठ जाता है
मेरे मन के एकल कोने में...
घण्टों मुझसे बातें करता है
अकेले में
जब कोई नहीं होता...
सुबह से शाम
कैसे होती है
पता ही नहीं चलता...
और फिर अचानक...
आहट सुन
संध्या की आहट सुन
दूर कहीं छिप जाता है
झाडियों के पीछे...
और इंतज़ार करता है
सुबह होने का
फिर...
चिड़ियों की चहचहाट सुन
दौड़कर आता है
और खोज़ता है
मेरे मन का वही कोना
छिपकर बैठ जाने के लिए...


Bhawna