7 दिसंबर 2009

वापसी अपनों के पास

प्रिय मित्रों आज बहुत दिनों बाद आप सबसे बात करने का अवसर मिला है, मेरी बहुत सारी मजबूरियाँ रही बेटी की तबियत बिगडना, मेरा युगांड़ा से सिडनी जाना और भी इस बीच काफी उथल-पुथल रही, पर अब आप लोगों को पढ़ने का सिलसिला हाँ लिखने का भी कोशिश करुँगी की ना टूटे, आप लोगों का स्नेह मुझे फिर खींच लाया अपनों के बीच यूँ ही स्नेह बनाये रखियेगा अपनी एक रचना आज़ पोस्ट करती हूँ आशा है पंसद आयेगी...

उदासी के ये बढ़ते घेरे
मेरे अन्तर्मन में
काले सर्प की तरह
फन फैलाकर
बैठ गये हैं।
एक अँधेरे कुँए में
फेंक दिये गये
अजन्मे शिशु की तरह
डूबता जा रहा है
मेरा अस्तित्व।
सन्नाटे भरा हर पल
मेरे रोम-रोम को
भूखे शेर की तरह
नोंच-नोंच कर खाये जा रहा है।
जन्म से मृत्यु की ओर
बढ़ता ये सफ़र
साँसों की धूमिल डगर को
तार-तार किये जा रहा है
अब तो है बस इन्तज़ार
इस सफ़र के अंतिम पड़ाव का
ताकि फिर
कर सकूँ तैयारी
इक नये सफ़र की
शायद आने वाला नया सफ़र
दे सके मेरे सपनों को
एक पूर्णता
एक नयी उंम्मीद।
भावना

18 टिप्‍पणियां:

Khushdeep Sehgal ने कहा…

पहन कर पांव में ज़ंज़ीर भी,
रक्स किया जाता है,
आ बता दें तुझे कि.
कैसे जिया जाता है...

भावना जी, आपकी वापसी का स्वागत...

जय हिंद...

Udan Tashtari ने कहा…

वाह जी, बेहतरीन वापसी...


स्वागत है. प्रयास करिये कि नियमित लिख पायें.

अनेक शुभकामनाएँ.

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

अब तो है बस इन्तज़ार
इस सफ़र के अंतिम पड़ाव का
ताकि फिर
कर सकूँ तैयारी
इक नये सफ़र की
शायद आने वाला नया सफ़र
दे सके मेरे सपनों को
एक पूर्णता
एक नयी उंम्मीद।
Bhavana ji,
Sadar namaskar.
sabase pahale to main apako badhai dena chahuungee ---itanee vipareet paristhitiyon ka bhee apane itane dhairya se samana kiya.ummed hai ab betee pooree tarah svasth aur sanand hogee.
apko blog par vapas aya dekhkar mujhe kitane khushee ho rahee hai main bayan naheen kar sakatee---ab dheere dheere sab kuchh theek ho jayega.
itanee sundar rachana prastut karane ke liye hardik badhai.
Poonam

alka mishra ने कहा…

waapsii huii hain to ummiiden honi chahiye

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

खुशदीप जी, समीर जी, पूनम जी आपकी प्रतिक्रिया पाकर अच्छा लगा बहुत आभारी हूँ आप सबके विचारों को जानकर, मेरा पूरा प्रयास रहेगा लेखन और पाठन दोनों की ही ओर , आप सबका एक बार फिर से शुक्रिया...
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पूनम जी आपने सही कहा परिस्थितियाँ तो बहुत विपरीत थी मेरे, बड़ी लम्बी लड़ाई थी मेरी किस्मत के खिलाफ, बहुत कुछ सहा इन दिनों पर कहते हैं ना अन्त भला तो सब भला ,बस यही खुशी है कि मेरी जान अब ठीक है, स्कूल जाने लगी है, कमजोर है पर वक्त लगेगा शायद १ साल पर स्वस्थ है यही काफी है २५ वजन था १२ लूज कर गई थी, ६ महीने की दवाई बची हैं उनको पूरा होने के साथ-२ सब ठीक हो जायेगा, आपका स्नेह पाकर खुशी हुई, रचना पंसद करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद...

सभी मित्रों का दिल से धन्यवाद जिनकी दुआओं से मेरे आंगन की चिरैया फिर से चहचहाने लगी...

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice...............nice.............nice..........

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

भावना जी,
आशा करता हूं आपकी बिटिया रानी अब स्वस्थ होंगी।एक लम्बा समय उसे कष्ट उठाना पड़ा। आप लोगों को भी दोहरी पीड़ा से गुजरना पड़ा।बच्ची की तबीयत और नयी जगह पर शिफ़्टिंग--सेटिलमेण्ट्।उम्मीद है अब सब स्थितियां सामान्य हो रही होंगी।
ब्लाग पर वापसी और सुन्दर कविता के लिये हार्दिक शुभकामनायें।
हेमन्त कुमार

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

Suswagtam.......

सहज साहित्य ने कहा…

भावना जी,
सपने सभी अधूरे ।
होंगे ज़रूर पूरे ।
भावना की नींव पर
टिकते सदा कँगूरे ॥

सहज साहित्य ने कहा…

मेरे मन पर एक बोझ था ,आज कम हुआ ।आप जैसी उदार हृदया ,संवेदनशील रचनाकार का
चुप बैठना ठीक नहीं था। आप में अपार सम्भावना और शक्ति है ।उसका उपयोग कीजिए ।
अपार स्नेह के साथ
आपका भाई काम्बोज

daanish ने कहा…

aapko phir se padhnaa
bahut achhaa lagaa
aapki nazm bahut gehre arth liye hue hai....mn ki bhaavnaaoN ko
bkhoobi bayaan kiyaa hai .

शशिभूषण ने कहा…

उदासी भी सृजन की ज़मीन होती है.पसंद आयी.

निर्झर'नीर ने कहा…

सुन्दर भावपूर्ण रचना .

Pushpendra Singh "Pushp" ने कहा…

इस सुन्दर रचना के लिए
बहुत बहुत आभर............

Sufi ने कहा…

Bhawna ji,
Bahut achhi rachna hai...! Badhai...!!!

Sulabh Jaiswal "सुलभ" ने कहा…

सशक्त भावपूर्ण पंक्तियाँ है...

नियमित लेखन निर्बाध चलता रहे.. यही कामना है.

बेनामी ने कहा…

ब्लॉग पर पहली बार आना हुआ है

"अजन्मे शिशु की तरह
डूबता जा रहा है
मेरा अस्तित्व।"
....
"फिर कर सकूँ तैयारी इक नये सफ़र की शायद आने वाला नया सफ़र दे सके मेरे सपनों को एक पूर्णता एक नयी उंम्मीद"
भावों से सराबोर रचना से साक्षक्ताकर कराने के लिए आभार और धन्यवाद्.

Unknown ने कहा…

achhi kavita hai. bhav aur bimb ko badhiya shabd aur shilp diya hai. badhai.