बहुत बुरा बीता ये फरवरी का महीना बीमारी ने इस कदर पकड़ा की छोड़ने का नाम ही नहीं लिया, यहाँ तक कि अस्पताल में एडमिट तक होना पड़ा, पूरा हफ्ता तो सिर दर्द ने बस नींबू की तरह निचोड़ ही डाला, ऐसा लगा जैसे मैं किसी दूसरी दुनिया में पहुँच गई थी और अब लौटकर आई हूँ विश्वास ही नहीं होता कि वो सब मेरे साथ हुआ।
सब छुट गया पढ़ना-लिखना, आना-जाना, परेशानी इस कदर बढ़ी कि जन्मदिन की बधाईयाँ जो मेरे अपनों ने मुझ तक भेजी वो भी मैं ना ले पाई ना कोई फोन ना कोई मेल मेरे अपने पाठको तक की मैं देख नहीं पाई बहुत बुरा लगा मुझे। आप सबसे माफी माँगते हुए फिर से इस लेखन कि दुनिया में वापस आ रही हूँ धीरे-२। आपको जल्दी ही हाइकु पर मेरी नई पुस्तक पढ़ने को मिलेगी।
मेरे बीमार होने से प्रगीत और मेरे अपनों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा, बच्चों का उदास चेहरा भी मुझे सहना पड़ा उनके भाव मेरे मन को छू रहे थे और मैं बेबस कुछ नहीं कर पा रही थी बस कुछ पंक्तियां मन के पटल पर उभर कर आईं जो कुछ इस तरह थीं-
मुझे देखकर
तुम्हारी आँखों में
टिमटिमाने लगे थे
जो आँसू
मेरा सहारा पाकर
जो समा गए थे
मेरे कान्धों पर
वो मोती बन
आज भी मेरे साथ हैं...
Bhawna
17 टिप्पणियां:
ओह ! भावना जी आप जल्द से जल्द स्वस्थ हों यही कामना है ।
आशा है अब पूर्ण स्वस्थ होंगी. अच्छे स्वास्थय के लिए मंगलकामनाएँ.
बहुत खूब.....
दिल में उतर जाने वाले भाव...
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..की-बोर्ड वाली औरतें।
सुंदर...
भावना जी आपकी बीमारी का एक -एक पल हम सबके लिए भी बहुत भारी था । आप सब परेशानियों से निकलकर नीरोगता प्राप्त कर चुकी हैं , यही खबर हमारे लिए सबसे अधिक सुकून देने वाली है । उस प्रभु को प्रणाम , जिसने पीड़ा के लम्बे दौर से आपको उबार लिया ।
आपकी ये पंक्तियाँ बहुत मधुर हैं । बहुत प्यार और अपनत्व से भरी हैं -
मुझे देखकर
तुम्हारी आँखों में
टिमटिमाने लगे थे
जो आँसू
मेरा सहारा पाकर
जो समा गए थे
मेरे कान्धों पर
वो मोती बन
आज भी मेरे साथ हैं...।
आपका पूरा परिवार इस दौरान अव्यवस्थित रहा । सबके स्नेह सम्बल ने आपमें नई स्फूर्ति जाग्रत हुई , जो नए संग्रह के रूप में नज़र आएगी।
आज ही विश्व पुस्तक मेले में भाव-कलश तो नज़र आया ही आपका गज़ल पर शोध भी शोभा बढ़ा रहा था ।
भावना जी आप यूँ ही सुन्दर कविताएँ लिखती रहें गुनगुनाती रहें |शुभकामनायें
भावना जी आप यूँ ही सुन्दर कविताएँ लिखती रहें गुनगुनाती रहें |शुभकामनायें
भावना जी , नमस्ते .
पढ़कर बहुत दुःख हुआ कि इतने लम्बे
समय तक बीमारी से जूझती रहीं ....
आप साहसी , धैर्यशील, और निष्ठावान व्यक्तित्व हैं
और भगवान् जी का परम-पावन आशीर्वाद सदा
आपके साथ है और सदा ही साथ रहेगा
प्रार्थना करता हूँ कि आप शीघ्र ही बिलकुल ठीक हो जाएं...अस्तु .
"दानिश"
दुआ करता हूँ आप शीघ्र पूर्ण स्वस्थ और प्रसन्न हों.
बिमारी भी हमारी परीक्षा ही है.
आपकी भावपूर्ण अभिव्यक्ति दिल को छू रही है.
हर लम्हा कुछ न कुछ सिखाता है हमें.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईएगा,भावना जी.
आशा है अब आपका स्वस्थ ठीक होगा ... जल्दी ही सबके बीच आयें ऐसी शुभकामना है ...
भावना जी, आशा है अब आप पूर्ण स्वस्थ होंगी..
सहारा मिल जाए तो यह ज़िन्दगी आसान हो जाती है.. सत्य कहा है आपने अपनी पंक्तियों में..
bhawan ji apke sawasthy ke liye eeshwar se dua karata hoon ...
rachana etani sundar ki tareef ke liye shabd kam honge....
Ab kaisee hain aap? Anek shubh kamnayen!
bhavna ji ma kahti hai jeevan hai to bimari ati hi rahti hai pr jo bimari theek ho jaye vo achchhi hai .
ham sabhi ne aapko bahut yad kiya aap theek ho gain hai ye bahut hi achchhi bat hai bhagvan kare ab koi bhi taklif aapke aas pas bhi na fatke
rachana
मेरे कान्धों पर
वो मोती बन
आज भी मेरे साथ हैं...
bahut khoob.....yahi to drishtikon hai jo paani ko moti bana deta hai...
मैं भी इधर व्यस्त रही जिससे मेरी ब्लॉंगिंग बंदप्राय रही. लौटी तो आपके स्वास्थ्य के बारे में पता चला.
आशा है अब पूर्ण स्वस्थ होंगी.
हार्दिक मंगलकामनाएँ....
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