
एक अनकही बात आपको बताना चाहती हूँ कि मेरे ब्लॉग ने ९ अगस्त को १ वर्ष पूरा कर लिया है
इसी अवसर पर ९ अगस्त में लिखी मेरी ये रचना आप सबके लिये...
आज़ एक वर्ष पूरा हो गया
मगर मेरा ख्वाब
अभी अधूरा है,
अभी तो मुझे पाना है
सूरज़ सा तेज़
और चाँद सी शीतलता,
अभी तो मुझे पानी है
फूलों सी कोमलता
धरती सी सहनशीलता,
अभी तो मुझे चुराने हैं
कुछ रंग इन
रंगबिरंगी तितलियों से,
अभी तो मुझे लेना है
थोड़ा सा विस्तार
इस नीले गगन से,
अभी तो मुझे लानी है
थोड़ी सी लाली इस
ढलती हुई शाम से,
अभी तो मुझे
चुरानी है
थोड़ी सी चमक
इन चमचमाते तारों से,
अभी तो मुझे लेनी है
थोड़ी सी हरियाली
इन लहलहाते खलियानों से,
अभी तो मुझे पानी है
नदी सी चंचलता और
पहाड़ सी स्थिरता
हाँ तभी तो होगा
ये ब्लॉग पूरा
इन रंगों से
सज़ा, हरा भरा
मेरे ख्वाबों की जमीं पर
सज़ा धज़ा।
डा॰भावना
5 टिप्पणियां:
वाह वाह!!
ब्लॉग की पहली वर्षगाँठ की बहुत बहुत मुबारकबाद.
सभी कामनायें पूरी हों, शुभकामनायें.
ऐसे ही वर्षगाँठों का सिलसिला अनवरत अनन्त काल तक चलता र्हे, यही कामना है.
पुनः बधाई.
अब वर्षगाँठ की मिठाई??
आपकी मनोकामना पूर्ण हो ...हमारी शुभकामना
सुंदर कविता...
डा. भावना जी,
बहोत बधाई आपके ब्लोग लेखन के १ वर्ष पूरे करने की हमेँ भी खुशी है -
आगे भी ऐसे ही अच्छा लिखती रहेँ
स्नेह के साथ,
-- लावण्या
बधाई
वाह बधाई। ऐसे ही आप तमाम उपलब्धियां हासिल करें।
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