3 अगस्त 2010

अनुभूति में...

कमल पर कुछ हाइकु अनुभूति में भी प्रकाशित हुए हैं पढ़कर प्रतिक्रिया दीजिएगा आपकी प्रतिक्रिया ही हौसला बढ़ाती है।

http://www.anubhuti-hindi.org/sankalan/kamal/bhawna_kunwar.htm


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देखी चाँदनी

आँचल सँवारती

खिले कमल।
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खुश तालाब

कमलों की बारात

सच या ख्वाब।

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सुबके झील

दिलासा देता हुआ

देखो कमल।
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बार-२ नहाए

शैतान सा कमल

झील शर्माए।

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कमल पर

बिखरे पड़े हीरे

चमचमाते।

भावना

9 टिप्‍पणियां:

kshama ने कहा…

Ye to behad sundar hain!

माधव( Madhav) ने कहा…

sundar

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत शानदार हाईकु...बधाई!!

खुश तालाब
कमलों की बारात
सच या ख्वाब

वाह!

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

भावना जी, आपके ये हाइकु कमलों की ही तरह सुन्दर और कोमल हैं।

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

भावना जी ,बेहतरीन हाइकु---पढ़ना सुखद लगा।

सहज साहित्य ने कहा…

आपके कमल पर केन्द्रित हाइकु प्रकृति का अनूठा चित्रण हैं ।' सुबके झील' का प्रयोग नूतन ही नहीं वरन् भाव-प्रवण भी है ।

अनूप शुक्ल ने कहा…

बहुत अच्छे सुन्दर हायकू!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत खूबसूरती से लिखा है ..

Shabad shabad ने कहा…

भावना जी,

सुन्दर हाइकु.....
कमलों की तरह ही सुन्दर !!!