अरे क्या देख रहे हो भाई मैंने मुंह साफ किया है ...
बहुत थक गया हूँ ...आराम करना चाहता हूँ ...चलिए इन महाशय का हाथ ही सही ...
बड़े प्यार से लिटाये हैं ...
चलना होगा ...दूसरे बच्चों से भी तो मिलना है ना...
बहुत तेज भूख लगी है ...आज पत्ते से ही काम चलता हूँ ...
अरे !ये तो बहुत स्वाद है ...
अरे रुको फोटो ले रहे हो
तो जरा पोज तो बनाने दो ...
Bhawna
4 टिप्पणियां:
अरे गजब!! ये कहाँ मिल गया!!
Oh wow! Bade mazedaar chitr hain!
दो मुंह वाला कछुआ तो गज़ब है ही और आपकी विशिष्ट टिप्पणी बहुत कुछ बोलती है , एकदम सहज भाव से । खूबसूरत ।
वाह! दोनों मुंह खाने के हैं इसके। दिखाने के तो हैं ही।
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