1.
अकेलापन
खलता नहीं अब
मित्र जो संग।
2.
विश्वास डोर
बाँधे सच्ची मित्रता
चारों ही ओर।
3.
छोड़े न हाथ
दुख हो चाहे सुख
मित्र का साथ।
4.
खुशबू बन
बिखरे चहुँ ओर
ये मित्रगण।
5.
ज्यूँ मित्र मिले
मन-उपवन में
फूल से खिले।
6.
बस था साथ
दुख की डगर में
दोस्त का हाथ।
7.
मन के दीए
जब मित्रों ने छुए
रोशन हुए।
8.
स्वर्ग आभास
टूटती साँसों संग
मित्र हो पास।
9.
साँसों में बसी
मित्रता की सुगंध
पनपे छंद।
10.
हाथ है तंग
रिश्ते नाते अपंग
है मित्र संग।
Bhawna
6 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर....तस्वीर भी अच्छी लगी!!
सभी हाइकु एक से बढ़कर एक हैं !
ये मुझे ज्यादा अच्छे लगे .....
अकेलापन
खलता नहीं अब
मित्र जो संग
साँसों में बसी
मित्रता की सुगंध
पनपे छंद
मित्रता दिवस की आपको शुभकामनाएँ !
हरदीप
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..सभी हाईकू अच्छे लगे
मन के दीए
जब मित्रों ने छुए
रोशन हुए।
यह विशेष पसंद आया
ईश्वर करे यह आत्मीयता यह दोस्ती यह अपनापन सदा फैले और हर तरह का एकाकीपन दूर करे । दिल की गहराइयों से निकली मधुर शब्दों की इस हाइकु फुलवारी के लिए बधाई !
सुन्दर भाव सुन्दर शब्द कुछ ही शब्दों में बसा दोस्तों के लिए प्यार बहुत कुछ कह जाता है
जब भी आपके ब्लॉग पर आता हूँ बहुत अच्छा लगता है
और ये जो आपने मित्रता के ओपर पोस्ट की है उसे क्या बयां करूँ शब्दों में आपके मित्र बहुत ही नसीब वाले हैं जो उनको आपका साथ मिला ऐसे ही खुशियाँ आती रहें दमन में यही मेरी कामना है नमस्ते .....
कई जिस्म और एक आह!!!
बेहतरीन हाइकू..सहज गीतों व सुंदर तश्वीरों से सजा ब्लॉग।
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