'द सन्डे- इन्डियन ' वीकली में वर्ष २०११ की सर्वश्रेष्ठ महिला लेखिकाओं का चयन किया गया जिसमें लगभग ५०० प्रतिभागी थे और १११ को चुना गया उनमें सौभाग्य से मुझे भी स्थान मिला जो वास्तव में मेरे लिए बहुत खुशी की बात है और ये खुशी मैं अपने प्रिय मित्रों के बिना कैसे मना सकती हूँ तो लीजिए ये केक खाईये और अपना स्नेह मुझे दीजिए
इसे आप इस लिंक पर देख सकते हैं...
http://thesundayindian.com/hi/story/indian-women-writers-in-abroad/7/7336/
आज
बहुत दिनों बाद...
थककर
गहरी नींद
सोई है पीड़ा...
शायद !
अब कभी
न उठने के लिए...
Bhawna
इसे आप इस लिंक पर देख सकते हैं...
http://thesundayindian.com/hi/story/indian-women-writers-in-abroad/7/7336/
आज
बहुत दिनों बाद...
थककर
गहरी नींद
सोई है पीड़ा...
शायद !
अब कभी
न उठने के लिए...
Bhawna
28 टिप्पणियां:
बधाईयाँ ही बधाईयाँ...ऐसे ही नाम होता रहे...केक के साथ डिनर पार्टी?
ये बात भी सही है खाली केक से क्या होगा समीर जी डिनर भी पक्का जब चाहें जहाँ चाहें...
बहुत-बहुत बधाई हो .....और हमारे लिये बस इतना सा केक ! बडी ख़ुशी ...बडा सा केक !
हरदीप
चलिए हरदीप आपका भी बड़ा वाला केक तैयार है जब आप कहें ...बहुत-बहुत आभार...
भावना जी इस केक की मिठास से तो मन -प्राण सभी अभिभूत हैं । बहुत बधाई !क्या केक के बाद एक छोटी-सी दावत भी होनी चाहिए !!आखिरकार कुछ बड़ा परिवार है हाइकुवालों का ।सही कार्य को सम्मान ज़रूर मिलता है। किसी की पहचान बहुत दिनों तक छुपाकर या दबाकर नहीं रखी जा सकती ।मेरे पस शब्द नहीं जो मेरे भावों को सही रूप दे सकें। मैं तो यही कहूँगा-आगे कुछ और भी अवसर आएँगे केक खिलाने के ,उस समय अपने इस साहित्यिक परिवार को न भूल जाइएगा ।
सस्नेह
शुभाकांक्षी काम्बोज
बहुत बहुत बधाई ...
काश यह पीड़ा सोती ही रहे ..अच्छी नज़्म
भावना जी बहुत बहुत बधाई .....
आपने पत्रिका की वो कटिंग क्यों नहीं लगाई ...?
बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएँ..
सबने सही कहा, हमारा हाइकु परिवार बहुत बड़ा परिवार है..इतने से केक से काम नहीं चलेगा..
जल्द ही आपके हाइकुओ पर आधारित हाइगा पेश करूँगी|
ऋता शेखर'मधु'
लाजवाब |मेरी भी बधाई और शुभकामनाएं स्वीकार करें
लाजवाब |मेरी भी बधाई और शुभकामनाएं स्वीकार करें
BAHUT BAHUT BAHUT BAHUT BAHUT BADHAI...AAP IS STHAN KI HAQUDAAR HAIN....
great keep it up!!!!!!!!!! very happy to read that u were nominated, aap to chhaa gaye!!!!!!!11
पहले तो बधाई, फिर पीड़ा के सोने का अर्थ क्या ? मेरी समझ में तो दर्द ज़िन्दा रहने की दवा है
कोई बात नहीं केक अच्छा है
भावना जी, .. काश ! पीड़ा थककर सदा के लिए सो जाये , रेशमी उदगार बधाई
kya baat hai bhavna ji
chand panktiyo me sab kuchh bayan kar diya hai
bahutkhoob aur hamne aapka cake bhi dekh kar uska swaad bhi le liya hai bahut bahut badhai
poonam
♥
आदरणीया डॉ.भावना जी
सादर सस्नेहाभिवादन !
वर्ष २०११ की सर्वश्रेष्ठ १११ महिला लेखिकाओं में से एक होना गौरव की बात है …
♥ हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ! ♥
… और रचना भी अच्छी है !
दुआ है ,पीड़ा अब नींद से कभी न उठने पाए …
… अंत में आपको सपरिवार
बीते हुए हर पर्व-त्यौंहार सहित
आने वाले सभी उत्सवों-मंगलदिवसों के लिए
- राजेन्द्र स्वर्णकार
.
… और हां , आपके स्नेहाशीष और शुभकामनाओं के लिए छोटा-सा बहाना हमें भी मिला है …
बहुत-बहुत बधाई ...
आपको बधाई और शुभकामनाएं... सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति.
आपको बहुत बहुत मुबारकबाद
बहुत सुंदर
बहुत-बहुत-बहुत-बहुत-बहुत(इतनी तो बहुत है न:) ) बधाई।
------
चलो चलें मधुबन में....
मन की प्यास बुझाओ, पूरी कर दो हर अभिलाषा।
Bhawna jee आपको अग्रिम हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. हमारी "मातृ भाषा" का दिन है तो आज से हम संकल्प करें की हम हमेशा इसकी मान रखेंगें...
आप भी मेरे ब्लाग पर आये और मुझे अपने ब्लागर साथी बनने का मौका दे मुझे ज्वाइन करके या फालो करके आप निचे लिंक में क्लिक करके मेरे ब्लाग्स में पहुच जायेंगे जरुर आये और मेरे रचना पर अपने स्नेह जरुर दर्शाए...
BINDAAS_BAATEN कृपया यहाँ चटका लगाये
MADHUR VAANI कृपया यहाँ चटका लगाये
MITRA-MADHUR कृपया यहाँ चटका लगाये
आपका स्वागत...
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
बहुत सुंदर पंक्तियां हैं.
Sunday Indian has done the justice, thanks for your cake Bhavnaji.
बहुत बहुत मुबारकबाद!!
बहुत-बहुत बधाई तथा शुभकामनाएं .
सादर आमंत्रण आपकी लेखनी को... ताकि लोग आपके माध्यम से लाभान्वित हो सकें.
हमसे प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से जुड़े लेखकों का संकलन छापने के लिए एक प्रकाशन गृह सहर्ष सहमत है. आपकी रचना और स्नेह और बिना ये कैसे संभव है.
स्वागत... खुशी होगी इसमें आपका सार्थक साथ पाकर.
आइये मिलकर अपने शब्दों को आकार दें
जल्दी ही हमारे ब्लॉग की रचनाओं का एक संकलन संभावित है. मैं आपको पढता रहा हूँ, अच्छा लगता है.
सादर आमंत्रण आपको... ताकि लोग हमारे इस प्रकाशन के द्वारा आपकी सर्वश्रेष्ट रचना को हमेशा के लिए संजो कर रख सकें और सदैव लाभान्वित हो सकें.
हमसे प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से जुड़े लेखकों का संकलन छापने के लिए एक प्रकाशन गृह सहर्ष सहमत है. हमें प्रसन्नता होगी इस प्रयास में आपका सार्थक साथ पाकर, यदि संभव हो सके तो आपके शब्दों को पुस्तिकाबद्ध रूप में देखकर.
सादर, संवाद की अपेक्षा में... जन सुनवाई
अधिक जानकारी हेतु लिंक http://jan-sunwai.blogspot.com/2011/09/blog-post.html
भावना जी नमस्कार बहुत सुन्दर पीड़ा की अभिव्यक्ति है।
एक टिप्पणी भेजें