बहुत दिनों बाद
ब्लॉग पर वापसी हुई कारण इंडिया जाना बहुत सारी यादों को समेटकर वापस सिडनी में
वही सब रूटीन वर्क, पर इस बार एक बात
बहुत अच्छी रही कुछ महत्वपूर्ण लोगों से मिलना। मेरठ में डॉ० सुधा गुप्ता जी से
मैं भरपूर स्नेह बटोर कर लाई वास्तव में सुधा जी बहुत मिलनसार और कोमल ह्रदय महिला
हैं। दिल्ली में रामेश्वर काम्बोज हिमांशु जी से मिलना हुआ
उनका पूरा ही परिवार बहुत अपनेपन से मिला बिल्कुल नहीं लगा कि हम पहली बार मिल रहे
हैं। मैं, प्रगीत, ऐश्वर्या बस
इन्हीं यादों को कैमरे में कैद कर वापस आ गए और अब बस फिर इन्तज़ार अगले साल का.... एक और बड़ी
उपलब्धि हुई मेरी हाइकु पर दूसरी पुस्तक का आना पुस्तक का नाम है "धूप के
खरगोश" यहाँ आप सब लोगों का स्नेह भी चाहिए तो बस देर मत कीजिए दो पंक्ति तो
लिख ही डालिए अपनी इस पुरानी ब्लॉगर के लिए...
डॉ० सुधा गु्प्ता जी और मैं (31.03.2012) |
प्रगीत,मैं,ऐश्वर्या,श्रीमती काम्बोज और श्री रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' जी (27.04.2012) |
मेरा नया हाइकु संग्रह 26.04.2012 |
वर्षा जो आई
धूप के खरगोश
दूर जा छिपे।
ये हाइकु मेरा सबसे प्रिय हाइकु है जिसके कारण मैंने अपनी पुस्तक का नाम "धूप के खरगोश" रखा। बाकी अगली पोस्ट में...
Bhawna
6 टिप्पणियां:
भावना जी , प्रगीत जी और बहुत प्यारी -सी भानजी ऐश्वर्या से मिलना बहुत सुखद था । सभी लोग इतने आत्मीय लगे कि पता नहीं कितने वर्षों से जुड़े हैं । लगता था बरसों से कोई अपने बिछुड़ गए थे और आज मिल गए । वह एक घण्टे का समय पूरे परिवार की स्मृतियों में कैद है । सभी का अतीव आभार ।
बहुत बहुत बधाई इस प्रकाशन पे ... आपका प्रवास यादगार रहा जान के अच्छा लगा ...
बधाई...अच्छा समय बीता होगा..
बहुत बहुत बधाई ...
बहुत बहुत बधाई ...
Bhavana ji,
bahut sundar srijan, badhai.
प्रिय महोदय
"श्रम साधना "स्मारिका के सफल प्रकाशन के बाद
हम ला रहे हैं .....
स्वाधीनता के पैंसठ वर्ष और भारतीय संसद के छः दशकों की गति -प्रगति , उत्कर्ष -पराभव, गुण -दोष , लाभ -हानि और सुधार के उपायों पर आधारित सम्पूर्ण विवेचन, विश्लेषण अर्थात ...
" दस्तावेज "
जिसमें स्वतन्त्रता संग्राम के वीर शहीदों की स्मृति एवं संघर्ष गाथाओं , विजय के सोल्लास और विभाजन की पीड़ा के साथ-साथ भारतीय लोकतंत्र की यात्रा कथा , उपलब्धियों , विसंगतियों ,राजनैतिक दुरागृह , विरोधाभाष , दागियों -बागियों का राजनीति में बढ़ता वर्चस्व , अवसरवादी दांव - पेच तथा गठजोड़ के दुष्परिणामों , व्यवस्थागत दोषों , लोकतंत्र के सजग प्रहरियों के सदप्रयासों तथा समस्याओं के निराकरण एवं सुधारात्मक उपायों सहित वह समस्त विषय सामग्री समाहित करने का प्रयास किया जाएगा , जिसकी कि इस प्रकार के दस्तावेज में अपेक्षा की जा सकती है /
इस दस्तावेज में देश भर के चर्तित राजनेताओं ,ख्यातिनामा लेखकों, विद्वानों के लेख आमंत्रित किये गए है / स्मारिका का आकार ए -फॉर (11गुणे 9 इंच ) होगा तथा प्रष्टों की संख्या 600 के आस-पा / विषयानुकूल लेख, रचनाएँ भेजें तथा साथ में प्रकाशन अनुमति , अपना पूरा पता एवं चित्र भी / लेख हमें हर हालत में 30 जुलाई 2012 तक प्राप्त हो जाने चाहिए ताकि उन्हें यथोचित स्थान दिया जा सके /
हमारा पता -
जर्नलिस्ट्स , मीडिया एंड राइटर्स वेलफेयर एसोसिएशन
19/ 256 इंदिरा नगर , लखनऊ -226016
ई-मेल : journalistsindia@gmail.com
मोबाइल 09455038215
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