आँखों के काम में ख़लल ना डालें अच्छी रचना
ओह नहीं...क्या भाव हैं..
क्यों नहीं हो जाती बंदसदा के लिएताकि ना पड़े इन्हें किसीअसम्भव को रोकना ...बस यही तो इंसान के हाथ में नही होता ... ये दर्द तो सहना पड़ता है .... गहराई लिए लिखा है ...
bhawnaji bahut hi sundar bhav vali kavita badhai
very nice post badhai
क्यों नहीं हो जाती बंदसदा के लिएताकि ना पड़े इन्हें किसीअसम्भव को रोकना । Aaisa kyon? Ek baar to dil dhak-se ho gaya!
BAHUT HEE SUNDAR BHAW...SUNDAR RACHNA KE LIYE BADHAYI.
सुन्दर और संवेदनशील रचना---हार्दिक बधाई।
बहुत सुंदर। तुम इतनी देर लगाया न करो आने मेंकि भूल जाये कोई पलक झपकाना भी
man ka itna smvedansheel hona bhee theek nahi..bahut hee gaharai liye hui kavita
खुली आँखों से देखो ये दुनिया स्वप्न सदा इनमें सदा मुस्काएँ॥ जीवन की बगिया महके हमेशा खुदा किसी को न बुरे दिन दिखाए ।
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11 टिप्पणियां:
आँखों के काम में ख़लल ना डालें अच्छी रचना
ओह नहीं...
क्या भाव हैं..
क्यों नहीं हो जाती बंद
सदा के लिए
ताकि ना पड़े इन्हें किसी
असम्भव को रोकना ...
बस यही तो इंसान के हाथ में नही होता ... ये दर्द तो सहना पड़ता है ....
गहराई लिए लिखा है ...
bhawnaji bahut hi sundar bhav vali kavita badhai
very nice post badhai
क्यों नहीं हो जाती बंद
सदा के लिए
ताकि ना पड़े इन्हें किसी
असम्भव को रोकना ।
Aaisa kyon? Ek baar to dil dhak-se ho gaya!
BAHUT HEE SUNDAR BHAW...SUNDAR RACHNA KE LIYE BADHAYI.
सुन्दर और संवेदनशील रचना---हार्दिक बधाई।
बहुत सुंदर।
तुम इतनी देर लगाया न करो आने में
कि भूल जाये कोई पलक झपकाना भी
man ka itna smvedansheel hona bhee theek nahi..bahut hee gaharai liye hui kavita
खुली आँखों से देखो ये दुनिया स्वप्न सदा इनमें सदा मुस्काएँ॥ जीवन की बगिया महके हमेशा खुदा किसी को न बुरे दिन दिखाए ।
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