बहुत अच्छी कविता |
बहुत उम्दा- भावपूर्ण!!
्बेहद सुन्दर और नए अन्दाज़ की कविता । सचमुच मोती की तरह आब वाली । बहुत बधाई !
वर्षा की एक बुंद सीप के गर्भ में रहकर मोती बनती है और फिर एक दिन उससे जुदा हो किसी का सौंदर्य बढ़ाती है...पर सीप के दर्द को शायद ही कोई समझे...उसी दर्द को बयां करती आपकी यह भावपूर्ण रचना मन को भा गई...हार्दिक बधाई!!सारिका मुकेश
भावपूर्ण रचना ... मन को छूती है ...
bahut sundar....
बहुत खूब सूरत ब्लॉग और खूब सूरत रचना बहुत -बहुत धन्यवाद.
behad sundar prastuti,'pir parayee jane na.....
bahut khoob,umda rachna-'pir parayee jane na......
कितना भावपूर्ण लिखती हैं आप । कमाल है।
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11 टिप्पणियां:
बहुत अच्छी कविता |
बहुत उम्दा- भावपूर्ण!!
्बेहद सुन्दर और नए अन्दाज़ की कविता । सचमुच मोती की तरह आब वाली । बहुत बधाई !
वर्षा की एक बुंद सीप के गर्भ में रहकर मोती बनती है और फिर एक दिन उससे जुदा हो किसी का सौंदर्य बढ़ाती है...पर सीप के दर्द को शायद ही कोई समझे...उसी दर्द को बयां करती आपकी यह भावपूर्ण रचना मन को भा गई...हार्दिक बधाई!!
सारिका मुकेश
भावपूर्ण रचना ... मन को छूती है ...
bahut sundar....
bahut sundar....
बहुत खूब सूरत ब्लॉग और खूब सूरत रचना बहुत -बहुत धन्यवाद.
behad sundar prastuti,'pir parayee jane na.....
bahut khoob,umda rachna-'pir parayee jane na......
कितना भावपूर्ण लिखती हैं आप । कमाल है।
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