17 नवंबर 2013

सादर इंडिया में मेरे कुछ हाइकु प्रकाशित हुए हैं जो आप सबके स्नेह के बिना अधूरे हैं...




































Bhawna

7 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ...

सुन्दर हैं.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वाह ... बहुत ही लाजवाब हाइकू हैं ...

सहज साहित्य ने कहा…
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सहज साहित्य ने कहा…

हर हाइकु 5-7-5 की छोटी-सी गागर में पूरा भाव सागर समेटे हुए है । आपके हाइकु उत्तम हाइकु का आदर्श नमूना है । आप यूँ ही भाव-सरिता बहाती रहें। हार्दिक बधाई !

सीमा स्‍मृति ने कहा…

जैसा आप का नाम वैसा काम । मुझे तो आप के सभी हाइकु हमेशा भावो से भरपूर लगते हैं। धूप के खरगोश में तो जिसे प्रकृति का न पता हो वह उस से मिल भी लेगा।

सीमा स्‍मृति ने कहा…

जैसा आप का नाम वैसा काम । मुझे तो आप के सभी हाइकु हमेशा भावो से भरपूर लगते हैं। धूप के खरगोश में तो जिसे प्रकृति का न पता हो वह उस से मिल भी लेगा।

सीमा स्‍मृति ने कहा…

जैसा आप का नाम वैसा काम । मुझे तो आप के सभी हाइकु हमेशा भावो से भरपूर लगते हैं। धूप के खरगोश में तो जिसे प्रकृति का न पता हो वह उस से मिल भी लेगा। आप को हार्दिक बधाई आप यूं ही लिखती रहें।