आज बहुत दिनों बात ब्लॉग पर आना हुआ पर अब कोशिश रहेगी कि निरन्तर आती रहूँ आप सबका पहले की तरह ही स्नेह मिलेगा इस आशा से फिर से एक बार नई शुरुआत करती हूँ,पढियेगा मेरा संस्मरण उदन्ती में...
http://www.udanti.com/2018/05/blog-post_96.html
Bhawna
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Bhawna
3 टिप्पणियां:
आपका संस्मरण बहुत प्रभावी और रोमांचक है . इस विधा में भी आपको महारत हासिल है. इस संस्मरण की सबसे बड़ी विशेषता है , पाठक को बाँध कर रखना , उसकी जिज्ञासा को बनाए रखना , रोचकता का निर्वाह करना . आप पूरी तरह इसमें सफल रही हैं . हार्दिक बधाई . और भी लिखिए . व्यर्थ का शब्दजाल नहीं इसमें . कुछ लेखक इसी में उलझकर विधा को गर्क कर देते हैं .
आपका संस्मरण बहुत प्रभावी और रोमांचक है . इस विधा में भी आपको महारत हासिल है. इस संस्मरण की सबसे बड़ी विशेषता है , पाठक को बाँधकर रखना , उसकी जिज्ञासा को बनाए रखना , रोचकता का निर्वाह करना . आप पूरी तरह इसमें सफल रही हैं . हार्दिक बधाई! और भी लिखिए . व्यर्थ का शब्दजाल नहीं इसमें . कुछ लेखक इसी में उलझकर विधा को गर्क कर देते हैं .
रामेश्वर काम्बोज
Bahut bahut aabhar kamboj ji itni vistret tipanni ke liye...
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