11 अगस्त 2006

जन्मष्टमी हाइकु 4

रूठा है मैय्या
वो माखन खिवैय्या
कृष्ण कन्हैया।
© डॉ० भावना कुँअर युगांडा

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

बढियां हाईकु हैं,आशा है आगे भी आपकी रचनायें पढने मिलती रहेंगी.हिन्दी के चिठ्ठाजगत मे आपका स्वागत है.उम्मीद है आप ने सर्वज्ञ का यह पृष्ठ पढ़ लिया होगा एवं नारद दर्शन कर लिये होंगे.
समीर लाल