1.
रंग बिरंगी
राखियों से सजी हैं
सभी दुकानें।
2.
तकती राहें
भाईयों के आने की
बहनें आज।
3.
परदेस में
बहना ने भाई को
भेजी है राखी।
4.
बँधा है आज
पवित्र से धागे से
दोनों का प्यार।
5.
टूटता नहीं
बंधन ये प्यार का
साँसों के जैसा।
6.
पडी है सूनी
भईया की कलाई
राखी न आई।
© डॉ० भावना कुँअर
युगांडा
17 टिप्पणियां:
बढियां हाईकु हैं,आशा है आगे भी आपकी रचनायें पढने मिलती रहेंगी.हिन्दी के चिठ्ठाजगत मे आपका स्वागत है.उम्मीद है आप ने सर्वज्ञ का यह पृष्ठ पढ़ लिया होगा एवं नारद दर्शन कर लिये होंगे.
समीर लाल
साधना जी, आपका हार्दिक स्वागत है। आपकी इन्ट्री के साथ ही, अफ्रीकी महाद्वीप पर भी हिन्दी चिट्ठाकार हो गए, आपने तो इतिहास रच दिया।
आशा है आपकी लेखनी यूं ही लगातार चलती रहेगी।
हमारी तरफ से भी आपका स्वागत। नियमित लिखने के लिये शुभकामनायें। मेरे ख्याल
से रक्षाबंधन पर मैंने पहली बार हायकू पढ़े। अच्छे लगे। आप हम लोगों की पत्रिकानिरंतर भी समय मिले तो पढ़ें तथा अपनी प्रतिक्रिया दें।
बहुत सुन्दर !
rakshabandhan ke haikoo bade ach-
chhe lage. Bhawna ji sadhuwad.OMPRAKASH YATI
om ji
Bahut bahut shukriya hosla afjai ka.apni to lekhni safal ho gai.
Dr.Bhawna
चर्चा में आज आपकी एक रचना नई पुरानी हलचल
बहुत ही खुबसूरत प्रस्तुती....
बढ़िया प्रस्तुति
आपने अपने ब्लॉग की शुरुआत हाइकु से की थी। आपके ये हाइकु तो बहुत अच्छे लगे-
4.
बँधा है आज
पवित्र से धागे से
दोनों का प्यार ।
5.
टूटता नहीं
बंधन ये प्यार का
साँसों के जैसा ।
6.
पडी है सूनी
भइया की कलाई
राखी न आई ।
-0-
मैंने भी अपने ब्लॉग का श्रीगणेश हाइकु से ही किया था । ईश्वर का निर्धारित यह सुखद संयोग ही था कि मैं 2007 मार्च में आपके सम्पर्क में आया । आज आश्चर्य लगता है कि अल्प समय में हम दोनों हाइकु को कुछ आगे बढ़ाने का अवसर मिला। ईश्वर आपकी लेखनी को सृजनरत बनाए रखे ।
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
बहुत ही सुंदर , भावपूर्ण हाइकु ।
हार्दिक बधाई
बहुत सुंदर हाइकु भावना जी! ब्लॉग की इस ख़ूबसूरत यादगार शुरुआत के लिए आपको ह्रदय से बधाई एवं आगे आने वाले समय भी आप यूँ ही लिखती रहें, दिलों के छूती रहें ... इन्हीं शुभकामनाओं सहित ...
~सादर
अनिता ललित
सुन्दर , प्यार भरे हाइकु ! बधाई !
बहुत अच्छा लगा यहाँ आपके ब्लॉग की इस पहली पोस्ट, और वो भी हाइकु, पढ़ना...| आपको अनेकानेक शुभकामनाएँ...|
ब्लॉग का शुभारम्भ और उस पर हाइकु से शुरुआत. बहुत सुन्दर हाइकु. बधाई भावना जी.
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