31 दिसंबर 2007

बस कुछ पल और थोड‌़ा सा इन्तज़ार... फिर खिलेंगे फूल ....महकेगी बगिया...

नव-वर्ष पर आप सभी मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएँ-भावना,प्रगीत,कनुप्रिया,ऐश्वर्या की ओर से





पुराने
दिन
थे घमंड से चूर
लो बीत चले।


लो बीत चला
एक और सफ़र
नयी तलाश।


डाकिया लाया
खुशियों की चिट्ठियॉ
नये साल में.।


नये साल की
बगिया में खिलेंगे
सुखों के फूल ।


लो चल पड़े
नया साल खोजने
बर्फीले दिन।


आतंकित सा
पग-पग बढाये
ये वर्ष आये।

उज़ाड‌े घर
काहे का नया साल
आतंकियों ने।

आओ लें प्रण
न हो कोई गुनाह
इस वर्ष में।

डॉ० भावना

9 टिप्‍पणियां:

अजित वडनेरकर ने कहा…

आपको भी खूब खूब बधाइयां...

रजनी भार्गव ने कहा…

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.

Divine India ने कहा…

बहुत ही सुंदर कविता के साथ नव-वर्ष का आगमन…।
आपको नववर्ष की ढ़ेरों बधाइयाँ…।

इरफ़ान ने कहा…

नए साल में आप और भी अधिक ऊर्जा और कल्पनाशीलता के साथ ब्लॉगलेखन में जुटें, शुभकामनाएँ.

www.tooteehueebikhreehuee.blogspot.com
ramrotiaaloo@gmail.com

विनीत उत्पल ने कहा…

नया वर्ष आपके लिए शुभ और मंगलमय हो।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

नए साल की शुभकामनाएं आपको भी।
-- Lavanya & Family

ghughutibasuti ने कहा…

नववर्ष की शुभकामनाएँ ।
घुघूती बासूती

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

अजित जी,रजनी जी,दिविन जी,इरफान जी,विनीत जी,लावन्या जी,घुघूती बासूती जी आप सबको
भी नववर्ष की ढेरों शुभकामनायें और मेरे ब्लॉग पर आने का बहुत-बहुत शुक्रिया...

Udan Tashtari ने कहा…

थोड़ा स देर से आये...नया साल मुबारक. :)