8 जून 2008

वायरस के कारण टूटा आप सब लोगों से रिश्ता...



काफी एंटी वायरस सोफ्टवेयर के होने के बावज़ूद भी वायरस हार्ड डिस्क में पहुँच गया जिसके कारण आप सभी लोगों से सम्पर्क लगभग टूट ही गया आज़ काफी समय बाद कुछ पोस्ट कर पा रही हूँ प्रगीत का लिखा हुआ..


प्रगीत की कलम से...


दर्द के गाँव में भटका हुआ मुसाफिर हूँ

ढूँढ रहा हूँ खुशी का घर

सुना है आँसुओं का सैलाब आया था इस गाँव में

शायद बहा ले गया वो खुशी के घर को भी।


प्रगीत कुँअर

9 टिप्‍पणियां:

पी के शर्मा ने कहा…

आशाओं का बांध बनाएं
और अपने आप को बचाएं
ब्‍लोगल वार्मिंग में आपका होना ही बड़ी बात है।

36solutions ने कहा…

Punah Swagat,
ye rahon ke rodon se kaun ghabarata hai, laksha sahi ho to kato ka safar bhi aasan ho jata hai.

Aarambha

RC Mishra ने कहा…

एन्टी वाइरस एक ही काफ़ी है
www.eset.com का NOD32
२ महीने का फ़्री ट्रायल उपलब्ध है।

अजय कुमार झा ने कहा…

are baap re aapke computer kee haalat ne hee bataa diyaa saaree dooriyon kaa sila, chaliye suswaagatam. dobaaraa se aapko padhne kaa aur tippnni karne kaa vadaa kiye dete hain.

Ashok Pandey ने कहा…

रिश्‍ते तो टूटते-जुटते रहते हैं। आपका स्‍वागत है।

sanjay patel ने कहा…

पावस के आगमन की बेला में आपकी वापसी ...स्वागत है आपका

Udan Tashtari ने कहा…

स्वागत है इस वापसी पर. प्रगीत को बधाई दें-चन्द शब्दों में बहुत गहरी बात कह दी.

अब नियमित लिखिये.शुभकामनाऐं.

डॉ .अनुराग ने कहा…

उफ़ ये वायरस .......
सुंदर रचना है......कल ही आपको याद कर रहा था ...ओर देखिये आज आपकी पोस्ट नजर आ गयी.

समयचक्र ने कहा…

शुभकामनाऐं,