काफी एंटी वायरस सोफ्टवेयर के होने के बावज़ूद भी वायरस हार्ड डिस्क में पहुँच गया जिसके कारण आप सभी लोगों से सम्पर्क लगभग टूट ही गया आज़ काफी समय बाद कुछ पोस्ट कर पा रही हूँ प्रगीत का लिखा हुआ..
प्रगीत की कलम से...
दर्द के गाँव में भटका हुआ मुसाफिर हूँ
ढूँढ रहा हूँ खुशी का घर
सुना है आँसुओं का सैलाब आया था इस गाँव में
शायद बहा ले गया वो खुशी के घर को भी।
प्रगीत कुँअर
9 टिप्पणियां:
आशाओं का बांध बनाएं
और अपने आप को बचाएं
ब्लोगल वार्मिंग में आपका होना ही बड़ी बात है।
Punah Swagat,
ye rahon ke rodon se kaun ghabarata hai, laksha sahi ho to kato ka safar bhi aasan ho jata hai.
Aarambha
एन्टी वाइरस एक ही काफ़ी है
www.eset.com का NOD32
२ महीने का फ़्री ट्रायल उपलब्ध है।
are baap re aapke computer kee haalat ne hee bataa diyaa saaree dooriyon kaa sila, chaliye suswaagatam. dobaaraa se aapko padhne kaa aur tippnni karne kaa vadaa kiye dete hain.
रिश्ते तो टूटते-जुटते रहते हैं। आपका स्वागत है।
पावस के आगमन की बेला में आपकी वापसी ...स्वागत है आपका
स्वागत है इस वापसी पर. प्रगीत को बधाई दें-चन्द शब्दों में बहुत गहरी बात कह दी.
अब नियमित लिखिये.शुभकामनाऐं.
उफ़ ये वायरस .......
सुंदर रचना है......कल ही आपको याद कर रहा था ...ओर देखिये आज आपकी पोस्ट नजर आ गयी.
शुभकामनाऐं,
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