18 नवंबर 2008

नहीं उसके सिवा तेरा कोई, ये याद कर ले...

लीजिये आप सबके स्नेह के कारण अम्माजी की लिखी एक ओर ग़ज़ल...
नहीं उसके सिवा तेरा कोई, ये याद कर ले
खुदा की याद से तू अपना दिल आबाद कर ले।

न उसको याद रखना, करना है बर्बाद खुद को
कहीं ऐसा न हो तू खुद को यूँ बर्बाद कर ले।

अगर फ़रियाद सच्चे दिल की हो, सुनता है मालिक
तू सच्चे दिल से उससे, चाहे जो फ़रियाद कर ले।

जो उससे बँध गया, हर ओर से आज़ाद है वो
तू अपने आपको हर ओर से आज़ाद कर ले।

कोई तो काम इस दुनिया में ऐसा करके जा तू
कि जिससे दुनिया तुझको याद तेरे बाद कर ले।
लीलावती बंसल
प्रस्तुतकर्ता- भावना

17 टिप्‍पणियां:

ambrish kumar ने कहा…

खुबसूरत

श्यामल सुमन ने कहा…

सुन्दर रचना है। रचनाकार को बधाई।

अपने आपको पहचानने की हो सदा कोशिश।
समय जब बीत जायेगा तो फिर अवसाद कर ले।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com

कंचन सिंह चौहान ने कहा…

achchhe bhav

डॉ .अनुराग ने कहा…

khoob...!

नीरज गोस्वामी ने कहा…

कोई तो काम इस दुनिया में ऐसा करके जा तू
कि जिससे दुनिया तुझको याद तेरे बाद कर ले।
वाह...बेशकीमती शेर...काश इसे हम अपने जीवन में उतार पायें...
नीरज

Dr. Ashok Kumar Mishra ने कहा…

अच्छा लिखा है । िवषय की अभिव्यक्ित प्रखर है । मैने अपने ब्लाग पर एक लेख महिलाओं के सपने की सच्चाई बयान करती तस्वीर लिखा है । समय हो तो उसे पढें और राय भी दें-

http://www.ashokvichar.blogspot.com

Vinay ने कहा…

लाजवाब!

गौतम राजऋषि ने कहा…

अच्छी रचना...मीटर पर भी और शब्दों एवं भाव में भी
रचनाकार को बधाई

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

अगर फ़रियाद सच्चे दिल की हो, सुनता है मालिक
तू सच्चे दिल से उससे, चाहे जो फ़रियाद कर ले।

bhot badhiya...!

संगीता-जीवन सफ़र ने कहा…

सुन्दर रचना है। रचनाकार को बधाई।

makrand ने कहा…

कोई तो काम इस दुनिया में ऐसा करके जा तू
कि जिससे दुनिया तुझको याद तेरे बाद कर ले।

bahut sunder
regards

Bahadur Patel ने कहा…

bahut sundar.

vijay kumar sappatti ने कहा…

aaj pahli baar aapke blog par pahuncha. rachnaayen pad kar acha laga.

खुदा की याद से तू अपना दिल आबाद कर ले।. ye line sabse achai hai , kuch ruhana sa hai ..

I request you to visit my blog and read my poems .

Regards

Vijay

www.poemsofvijay.blogspot.com

!!अक्षय-मन!! ने कहा…

कोई तो काम इस दुनिया में ऐसा करके जा तू
कि जिससे दुनिया तुझको याद तेरे बाद कर ले।
कितनी ऊँची बात बोल दी भई वाह !!........
इस अनमोल रचना के लिए अम्मा जी को मेरी ओर से ढेर सारी बधाई.....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है आने के लिए
आप
๑۩۞۩๑वन्दना
शब्दों की๑۩۞۩๑
सब कुछ हो गया और कुछ भी नही !!
इस पर क्लिक कीजिए
मेरी शुभकामनाये आपकी भावनाओं को आपको और आपके परिवार को
आभार...अक्षय-मन

कडुवासच ने कहा…

जो उससे बँध गया, हर ओर से आज़ाद है वो
तू अपने आपको हर ओर से आज़ाद कर ले।
... दिल को छूने वाली पंक्तियाँ हैं।

daanish ने कहा…

"samajh kr seekh le updesh, jo haiN iss ghazal meiN , muhobbat ka jahaan tu bhi nayaa aabaad kr le"
Waah !! ek arse ke baad itni nek aur sachchi gzl padhne ko mili hai. rachnakaar ko mera naman. aur Bhawnaji ka shukriya jinhone ye rachna hm sb tk pahunchaaee.
---MUFLIS---

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

सभी पाठकों का बहुत-बहुत धन्यवाद...