वतन से दूर हूँ लेकिन, अभी धड़कन वहीं बसती
वतन से दूर हूँ लेकिन
अभी धड़कन वहीं बसती
वो जो तस्वीर है मन में
निगाहों से नहीं हटती।
बसी है अब भी साँसों में
वो सौंधी गंध धरती की
मैं जन्मूँ सिर्फ भारत में
दुआ रब से यही करती।
बड़े ही वीर थे वो जन
जिन्होंने झूल फाँसी पर
दिला दी हमको आजादी।
नमन शत-शत उन्हें करती।
Bhawna
26 टिप्पणियां:
शत शत नमन शहीदों को...
उम्दा रचना!!
mera bhi shat shat naman un sabhi dharti maa suputron ke liye jinhone hamari raksha ke liyee apna balidaan diya....vatan se kitne bhi door ho lekin wo mitti wo apnapan...hamare vatan main hai aur kahin nahi...accha likha aapne....
Sundar rachana!
Swatantrata Diwas kee anek mangal kamnayen!
बेहद खूबसूरत रचना।
शहीदो को शत शत नमन्।
apki is soch ko naman
aur apki lekhni ko bhi.
bahut sunder rachna.
बहुत भाव मयी रचना ... वीरों को नमन
बहुत खूबसूरत और सामयिक रचना,सुंदर जज्बात।
स्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।
bhaut sunder .shahidon ko sada hi naman hai .
rachana
कमाल का जज्बा /कमाल की भावनाएं /उत्कृष्ट कविता बधाई डॉ० भावना जी |नमस्ते
कमाल का जज्बा /कमाल की भावनाएं /उत्कृष्ट कविता बधाई डॉ० भावना जी |नमस्ते
रूह की बेचैनी -डॉ भावना की यह कविता आज की विषम परिस्थितियों फँसे देश की आत्मा की सही छटपपटाहट है। पाठक रचना के उतार -चढ़ाव में पूरी तरह हो जाता है ।बहुत बधाई भावना जी ! आपकी कलम इसी प्रकार भावों के मोती बिखेरती रहे।
बसी है अब भी साँसों में
वो सौंधी गंध धरती की
मैं जन्मूँ सिर्फ भारत में
दुआ रब से यही करती।
हर एक पंक्ति देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत...
बेहद खूबसूरत रचना|
वतन से दूर हूँ लेकिन, अभी धड़कन वहीं बसती के माध्यम से प्रस्तुत कविता मन के भावों को आंदोलित सी कर गयी।धन्यवाद।
बसी है अब भी साँसों में
वो सौंधी गंध धरती की
मैं जन्मूँ सिर्फ भारत में
दुआ रब से यही करती।
सुन्दर भावाभिव्यक्ति....
वतन से दूर हूँ लेकिन
अभी धड़कन वहीं बसती
वो जो तस्वीर है मन में
निगाहों से नहीं हटती
उत्तम रचना जो हृदय को छू गया।
धन्यवाद और बधाई स्वीकार करें।
उत्तम भाव... सुन्दर रचना...
सादर बधाई....
आपकी रचना में देश प्रेम का जज्बा उभर कर सामने आया है ...आपका आभार
Bahut khub... Naman hai Desh ke veer saputon ko...
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जय हिंद .....!!
बसी है अब भी साँसों में
वो सौंधी गंध धरती की
मैं जन्मूँ सिर्फ भारत में
दुआ रब से यही करती।
बहुत ही बढ़िया।
सादर
बढ़िया रचना ! आप अपना असर छोड़ने में कामयाब हैं .....
शुभकामनायें आपको !
"वतन से दूर हूँ लेकिन
अभी धड़कन वहीं बसती
वो जो तस्वीर है मन में
निगाहों से नहीं हटती।"
बहुत खूब और बहुत-बहुत सुंदर - अमर शहीदों को सादर श्रद्धांजलि
sunder rachna
अच्छी रचना ....ऊँची सोच व ख्याल
आपकी कलम यूँ ही शब्द मोती बिखेरती रहे यही दुआ है...
हरदीप
आपका जिक्र यहाँ भी है ……http://redrose-vandana.blogspot.comये आपकी धरोहर है
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