21 सितंबर 2012

ऐसी मैं सीप


































Bhawna

14 सितंबर 2012

हिंदी दिवस और "दिल के दरमियाँ" का जन्मदिवस


मैं अपनी एक पुरानी रचना के साथ आप सभी को हिंदी दिवस की ढेरों शुभकामनाएँ देती हूँ। पिछले दिनों कुछ ऐसी व्यस्तता रही कि ब्लॉग से दूरियाँ बनी रही लेकिन आप लोगों से दूरियाँ कभी नहीं हो सकती हमेशा ही अपने पाठकों कों,सह्रदयों को केक खिलाने का सोचती रही, आप कह सकते हैं कि बनने में कुछ ज्यादा ही वक्त लग गया। जी हाँ आपने सही पहचाना ६ अगस्त २००६ में शुरुआत हुई थी "दिल के दरमियाँ" की, आप सबके स्नेह, सहयोग, अपनत्व के कारण अपने ६ साल पूरे करके ७वें में प्रवेश कर गया है, और इंतज़ार कर रहा है एक पीस केक खाने का और थोड़ी सी आप सबकी शुभकामनाओं का...

हिन्दी का परचम

सब मिलकर आज, कसम ये खायें
हिन्दी को उच्च स्थान दिलायें ।

लगे प्रचार में हम सब मिलकर
ऐसा ही इक प्रण निभायें ।

पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण
हिन्दी का परचम लहरायें।

इस भाषा के चाहने वालों
यादगार ये दिवस बनायें।

दुनिया भर के हिन्दी भाषी
इसको नत मस्तक हो जायें।


Bhawna