5 अगस्त 2020

ख़्वाब

देखे थे बड़े-बड़े ख़्वाब

साथ मिलकर कभी...

पूरा करने की बारी आई

तो मुँह छिपाकर चल दिए।


© डॉ० भावना कुँअर
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14 जुलाई 2020

जापानी कविता-"चोका"


1-
नन्हीं-सी परी
नन्हीं सी परी
गुलाब पांखुरी सी
आई जमीं पे
झूम उठा आँगन।
महकी हँसी,
रोशन होने लगा
बुझा सा मन,
भर गई फिर से
सूनी वो गोद
प्यारी सी वो मुस्कान
हरने लगी
मन का सूनापन।
लगने लगा
प्यारा अब जीवन,
फिर से जागीं
सोई वो तमन्नाएँ,
झूमने लगा
नन्हें से हाथों संग
बन मयूर
झुलसा हुआ मन।
दिखने लगीं
दबी संवेदनाएँ,
खिलने लगीं
मेरे भी लबों पर
रंग-बिरंगी
कलियों सी कोमल,
हवा सी नर्म,
पानी जैसी तरल,
रात रानी की
ख़ुशबू से नहाई,
नये छंदों से
सुरों को सजाती सी,
प्यारी-प्यारी लोरियाँ।

© डॉ० भावना कुँअर
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10 मई 2020

मातृ दिवस /दोहे

मातृ दिवस पर माँ को समर्पित ये दो दोहे..❤❤️सभी को मातृ दिवस की शुभकामनाएँ❤❤
❤
ऐसी सबकी सोच हो, दे नारी को मान
यही सृष्टि मैंने रची, सोचेगा भगवान।
❤
वो ही रहें अनन्त तक, मन मंदिर के ईश
मात-पिता के सामने, झुका रहे ये शीश।

© डॉ० भावना कुँअर
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© डॉ० भावना कुँअर
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