दिल के दरमियाँ - डॉ० भावना कुँअर
10 अक्तूबर 2021
नारी/दोहे
बेटी, माँ, पत्नी, बहन, लेती रुप अनूप।
कभी बदरिया जल भरी, कभी गुनगुनी धूप।।
© डॉ० भावना कुँअर
Editor
http://australianchal.com/
डॉ०भावना कुँअर
संपादिका-ऑस्ट्रेलियांचल ई-पत्रिका
3 टिप्पणियां:
जितेन्द्र माथुर
ने कहा…
बहुत ख़ूब!
10 अक्तूबर 2021 को 4:31 pm बजे
MANOJ KAYAL
ने कहा…
बहुत सुन्दर
10 अक्तूबर 2021 को 11:21 pm बजे
Dr.Bhawna Kunwar
ने कहा…
जितेन्द्र जी, मनोज जी बहुत-बहुत आभार...
11 अक्तूबर 2021 को 3:48 pm बजे
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3 टिप्पणियां:
बहुत ख़ूब!
बहुत सुन्दर
जितेन्द्र जी, मनोज जी बहुत-बहुत आभार...
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